
यह रामलीला इतिहास रच रही है – पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सेना के जवान धार्मिक मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे!
नई दिल्ली, 27 सितंबर 2025 – लाल किला मैदान में आयोजित होने वाली विश्व प्रसिद्ध लव कुश रामलीला में इस बार एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा। अभिनेत्री पूनम पांडे की जगह अब मेजर शालू वर्मा मंदोदरी का किरदार निभाएंगी।
समिति का निर्णय
रामलीला समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार और महासचिव सुभाष गोयल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पूनम पांडे ने प्रारंभ में समिति के आमंत्रण पर मंदोदरी की भूमिका निभाने के लिए सहमति दी थी। हालांकि, उनके नाम की घोषणा के पश्चात विभिन्न धार्मिक संस्थानों और समाज के कई वर्गों से आपत्तियां प्राप्त हुईं।
“समिति का मानना है कि रामलीला का मुख्य उद्देश्य प्रभु श्रीराम का संदेश समाज तक पहुंचाना है। किसी भी प्रकार का विवाद इस पवित्र कार्य में बाधक बन सकता था,” अर्जुन कुमार ने कहा।
विवादास्पद अतीत का प्रभाव
पूनम पांडे पूर्व में कई विवादों में घिर चुकी हैं। इनमें सबसे चर्चित 2024 में उनकी कथित मृत्यु की फर्जी खबर फैलाने का मामला था, जिसे बाद में उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने का स्टंट बताया था। इस घटना ने उनकी छवि को काफी प्रभावित किया था और उन्हें व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा था।
इसके अतिरिक्त, उनके सोशल मीडिया पर किए गए विवादास्पद पोस्ट्स और बयानों के कारण भी वे अक्सर सुर्खियों में रहती हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की थीम
गहन विचार-विमर्श के बाद समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस वर्ष मंदोदरी की भूमिका मेजर शालू वर्मा को सौंपी जाए। इस निर्णय के पीछे एक अन्य महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि इस वर्ष की रामलीला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित है।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस निर्णय को लेकर समिति और दर्शकों में उत्साह देखा जा रहा है। यह पहली बार है जब रामलीला के मंचन में भारतीय सेना के अधिकारी इतने बड़े पैमाने पर भाग ले रहे हैं।
धार्मिक संगठनों ने समिति के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी अधिकांश लोग इस बदलाव को सकारात्मक बता रहे हैं।
आगामी तैयारियां
मेजर शालू वर्मा के चयन के साथ ही रामलीला की तैयारियां नए सिरे से शुरू हो गई हैं। समिति के अनुसार, सेना के अधिकारियों के साथ विशेष रिहर्सल सत्र आयोजित किए जाएंगे।
लव कुश रामलीला, जो दिल्ली की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित रामलीला मानी जाती है, इस वर्ष अक्टूबर माह में आयोजित होगी। इस बार की रामलीला में धार्मिक परंपरा के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव का भी समावेश देखने को मिलेगा।